ॐ जाप के फायदे
Chanting OM Benefits: हिंदू धर्म में ॐ को बहुत ही ज्यादा प्रभावशाली माना गया है। ॐ शब्द में पूरा ब्रह्मांड समाया हुआ है। इस शब्द के बिना ना तो कोई मंत्र पूरा होता है और ना ही कोई पूजा पूरी मानी जाती है। ॐ का उच्चारण करते समय तीन अक्षरों की ध्वनि निकलती है। ये तीन अक्षर क्रमशः अ+उ+म् हैं। इसमें 'अ' वर्ण 'सृष्टि' का घोतक है 'उ' वर्ण 'स्थिति' दर्शाता है जबकि 'म्' 'लय' का सूचक है। मान्यता है कि इन तीनों अक्षरों में त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु, महेश का साक्षात वास होता है। ॐ के जाप को अनिष्टों का समूल नाश करने वाला व सुख-समृद्धि प्रदायक माना गया है। चलिए जानते हैं कि ॐ के उच्चारण से क्या होते हैं लाभ और क्या हैं इसके जाप की विधि...
ॐ जाप के फायदे
ॐ जाप के फायदे
ॐ शब्द को बहुत को चमत्कारी माना जाता है।
ॐ का उच्चारण करने मात्र से ही शारीरिक और मानसिक रूप से शांति प्राप्त होती है।
इस शब्द का उच्चारण करने से आसपास के वातावरण में भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
यदि सही प्रकार से पूर्ण ध्यान लगाकर ॐ का जाप किया जाए तो इससे आपको सकारात्मकता, शांति और ऊर्जा की प्राप्ति होती है।
माना जाता है कि नियमित रूप से ॐ का जाप करने से एकाग्रता और स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है।
ॐ का उच्चारण व जाप करने से तनाव और अनिद्रा जैसी समस्याओं से भी मुक्ति प्राप्त की जा सकती है।
ॐ का उच्चारण करने से पेट व रक्तचाप से संबंधित समस्याओं में भी लाभ मिलता है।
ॐ का उच्चारण करने मात्र से ही शारीरिक और मानसिक रूप से शांति प्राप्त होती है।
इस शब्द का उच्चारण करने से आसपास के वातावरण में भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
यदि सही प्रकार से पूर्ण ध्यान लगाकर ॐ का जाप किया जाए तो इससे आपको सकारात्मकता, शांति और ऊर्जा की प्राप्ति होती है।
माना जाता है कि नियमित रूप से ॐ का जाप करने से एकाग्रता और स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है।
ॐ का उच्चारण व जाप करने से तनाव और अनिद्रा जैसी समस्याओं से भी मुक्ति प्राप्त की जा सकती है।
ॐ का उच्चारण करने से पेट व रक्तचाप से संबंधित समस्याओं में भी लाभ मिलता है।
ऊं के उच्चारण की विधि
ॐ का उच्चारण प्रातः सूर्योदय से पूर्व उठकर करना चाहिए।
ॐ का जाप करने के लिए एक शांत जगह का चुनाव करें, जहां पर आप पूरी तरह ध्यान लगा सकें।
अब सुखासन मुद्रा में बैठकर मन में ॐ की आकृति का ध्यान लगाते हुए उच्चारण करना चाहिए।
एक बार में कम से कम 108 बार ॐ का उच्चारण करना चाहिए।
इसके बाद आप धीरे-धीरे उच्चारण की अवधि बढ़ा सकते हैं।
ॐ का जाप करने के लिए एक शांत जगह का चुनाव करें, जहां पर आप पूरी तरह ध्यान लगा सकें।
अब सुखासन मुद्रा में बैठकर मन में ॐ की आकृति का ध्यान लगाते हुए उच्चारण करना चाहिए।
एक बार में कम से कम 108 बार ॐ का उच्चारण करना चाहिए।
इसके बाद आप धीरे-धीरे उच्चारण की अवधि बढ़ा सकते हैं।
Source: Amarujala
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