जानिए आखिर क्यों सुअर का मांस खाना हराम है इस्लाम धर्म में, जबकि गौ मांस तो…

मुसलमानों के लिए किसी भी कार्य को करने के लिए इस्लाम की इजाज़त लेना अनिवार्य होता है

मूल रूप से एक मुसलमान अल्लाह के आदेश का पालन करता है और उसकी मना की हुई बातों से बचाव करता है, चाहे उस चीज़ के अन्दर अल्लाह सुब्हानहु व तआला की हिकमत (तत्वदर्शिता) का उसे बोध हो या न होl
मुसलमान के लिए वैध नहीं है कि वह शरीयत के आदेश को नकार दे, या उसको लागू करने में संकोच करे यदि उसे उसकी हिक्मत का बोध न हो, बल्कि किसी चीज़ के हलाल (वैध) और हराम (अवैध) ठहराये जाने के बारे में शरीयत के हुक्म को स्वीकार करना अनिवार्य है जब भी वह प्रमाण सिद्ध हो जाये ; चाहे उसे उसकी हिकमत की समझ हो या न होl
ये ज्यादातर पूछे जाने वाला सवाल है कि मुस्लमान सुअर का मांस क्यों नहीं खाते..? कई लोगों ने ये धारणा बना रखी है कि मुसलमान सुअर का मांस इसलिए नहीं खाते जैसे हिन्दू गाय को पवित्र मानते हैं वेसे ही मुस्लिम लोग सुअर को मानते हो, जो बेहद गलत सोच है लेकिन आज हम जनाब आपको अपनी पोस्ट के माध्यम से इस बात से रूबरू करायेंगे कि वास्तव में मुस्लिम सुअर का मॉस खाने से क्यों परहेज करते है और यकीन मानिए वास्तविकता आपको अन्दर से झकखोर के रख देने के लिए काफी हैl
loading...

इस्लाम में न केवल सुअर का मांस खाना हराम है बल्कि अन्य किसी भी जानवर को खाना इस्लाम में मना है 

दरअसल बात ये है के मुसलमानों का खाना पीना, उठना, बैठना, सोना, चलना सब का तरीका दीन–ए–इस्लाम ने बताया है और ज्यादातर मुसलमान अपनी जिंदगी दीन–ए–इस्लाम पर गुजरना ही अपना परम कर्तव्य समझता है और इसी में अपने लिए भलाई की तलब करता हैl
ये देखा गया है कि इस्लाम में सुअर का मांस क़ुर्आन के स्पष्ट प्रमाण के द्वारा हराम (निषिद्ध) किया गया है, और वह अल्लाह तआला का यह कथन है : “तुम पर मुर्दा, (बहा हुआ) खून और सुअर का मांस हराम है।” (सूरतुल बक़रा : 173)
किसी भी परिस्थिति में मुसलमान के लिए उसको खाना वैध नहीं है सिवाय इसके कि उसे ऐसी ज़रूरत पेश आ जाये जिस में उसका जीवन उसे खाने पर ही निर्भर करता हो, उदाहरण के तौर पर उसे ऐसी सख्त भूख लगी हो कि उसे अपनी जान जाने का भय हो, और उसके अतिरिक्त कोई दूसरा भोजन न हो, तो शरीयत के नियम: “आवश्यकतायें, अवैध चीज़ों को वैध बना देती हैं।” के अंतर्गत उसके लिए यह वैध होगाl
हालाँकि शरीयत के ग्रंथों में सुअर के मांस के हराम किए जाने के किसी विशिष्ट कारण का उल्लेख नहीं किया गया है, इस के बारे में केवल अल्लाह तआला का यह कथन है कि: “यह निश्चित रूप से गंदा (अशुद्ध) और अपवित्र हैl”
बता दें कि इस्लाम में “रिज्स” (अर्थात् अपवित्र) का शब्द उस चीज़ पर बोला जाता है जो शरीयत में तथा शुद्ध मानव प्रकृति वाले लोगों की निगाह में घृणित, घिनावनी और अशुद्ध होl और मात्र यही कारण उस के हराम होने के लिए पर्याप्त हैl इसी तरह एक सामान्य कारण भी वर्णित हुआ है, और वह खाने और पीने इत्यादि में हराम चीज़ों की निषिद्धता के बारे में वर्णित कारण है, और वह पोर्क के निषेद्ध की हिक्मत की ओर संकेत करता है, वह सामान्य कारण इस्लाम में अल्लाह तआला का यह फरमान हैl
क्योंकि एक मुसलमान अपना जीवन इस्लाम की तर्ज पर गुजरता है तो इसलिए जहाँ मुसलमानों को संतुष्ट करने के लिए पवित्र कुरान की ये आयत काफी है वहीँ जो लोग इश्वर में आस्था नहीं रखते हैं उनके लिए हम आज ऐसा वैज्ञानिक तर्क सामने रखने वाले है जिसे सुन कोई भी दंग रह जायेगाl

सुअर में होते है जानलेवा जीवाणु जिसे खाने से घातक बीमारियाँ हो सकती है 

वैज्ञानिक और चिकित्सा अनुसंधानों ने भी यह सिद्ध किया है कि सुअर व अन्य सभी जानवर, मानव शरीर के लिए हानिकारक रोगाणुओं का एक भण्डार हैl इन हानिकारक तत्वों और रोगों का विस्तार परजीवी रोग, जीवाणु रोग, वायरल रोग, बैक्टीरियल बीमारियों जैसे अन्य रोगों से बेहद लम्बा हैl
ये और अन्य हानिकारक प्रभाव इस बात का प्रमाण हैं कि बुद्धिमान शास्त्रकार ने सुअर का मांस खाना किसी व्यापक हिक्मत के लिए ही हराम ठहराया है, और वह मानव के जान (स्वास्थ्य) की रक्षा है, जो कि इस्लामी शरीयत के द्वारा संरक्षित पाँच बुनियादी ज़रूरतों में से एक हैl



विज्ञान के अनुसार सुवर का मांस खाने से शरीर में कम से कम 70 विभिन्न  प्रकार के रोग हो सकते हैं, एक व्यक्ति के पेट (उदर) में कई प्रकार के कीटाणु हो सकते हैं, जैसे राउंड वर्म, पिन वर्म, हुक वर्म, इत्यादिl
उनमे सबसे अधीक घटक उनमें सबसे अधिक घातक टाईनिया सोलियम (Taenia Soliam) कहलाता हैl सामान्य रूप से इसे टेपवर्म भी कहा जाता हैl यह बहुत लम्बा होता है और आंत में रहता हैl ये इतना घातक होता है कि इसके अण्डे (OVA)रक्त प्रवाह में मिलकर शरीर के किसी भी भाग में पहुंच सकते हैं और यदि यह मस्तिष्क तक पहुंच जाए तो स्मरण शक्ति को बहुत हानि पहुंचा सकते हैंl और वहीँ अगर ये दिल में प्रवेश कर जाए तो दिल का दौरा पड़ सकता हैl आँख में पहुंच जाए तो अंधा कर सकते हैं, जिगर में घुसकर पूरे जिगर को नष्ट कर सकते हैंl इसी प्रकार शरीर के किसी भाग को हानि पहुंचा सकते हैंl पेट में पाया जाने वाला एक अन्य रोगाणु Trichura Lichurasi हैl
यह एक सामान्य भ्रांति है कि यदि सुअर के मांस को भलीभांति पकाया जाए तो इन रोगाणुओं के अण्डे नष्ट हो जाएंगेl अमरीका में किये गए अनुसंधान के अनुसार ट्राईक्योरा से प्रभावित 24 व्यक्तियों में 20 ऐसे थे जिन्होंने सुअर का माँस अच्छी तरह पकाकर खाया थाl इससे पता चला कि सुअर का मांस अच्छी तरह पकाने पर सामान्य तापमान पर भी उसमें मौजूद रोगाणु नहीं मरते जो भोजन पकाने के लिए पर्याप्त माना जाता हैl

Source: namanbharat


No comments:

Post a Comment