INS Jatayu: लक्षद्वीप में नए नौसैनिक अड्डे- आईएनएस जटायु से बढ़ेगी सुरक्षा; समुद्री डकैतों पर कसेगी नकेल

लक्षद्वीप में सुरक्षा बढ़ाने के लिए नया नौसैनिक अड्डा तैयार किया गया है। आईएनएस जटायु की मदद से समुद्री डकैतों के नापाक मंसूबों पर भी नकेल कसी जा सकेगी। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने आईएनएस जटायु को तैनात किया।
नौसेना ने आईएनएस जटायु को लक्षद्वीप में तैनात किया


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Follow Usभारतीय नौसेना ने जलीय सुरक्षा को और मजबूत बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। लक्षद्वीप में आईएनएस जटायु को तैनात किया गया है। इस तैनाती से सुरक्षा को और मजबूत बनाया जा सकेगा। बुधवार को जारी बयान के मुताबिक लक्षद्वीप भारत के लिए रणनीतिक रूप से काफी अहम है। आईएनएस जटायु को तैनात किए जाने के बाद नौसेना की परिचालन क्षमता मजबूत होगी। बुधवार को लक्षद्वीप द्वीप समूह के मिनिकॉय में नौसैनिक अड्डे की शुरुआत हुई। आइएनएस जटायु नाम के इस अड्डे की मदद से नौसेना पश्चिम अरब सागर में प्रभावी निगरानी कर सकेगी।



आईएनएस जटायु को कमीशन किए जाने पर नौसेना प्रमुख का बयान
समुद्री डकैती विरोधी और मादक द्रव्य विरोधी अभियानों को रोकने में भी आईएनएस जटायु बेहद कारगर सिद्ध होगा। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने जटायु को तैनात किया। आईएनएस जटायु को कमांडेंट व्रत बघेल की कमान में शामिल किया गया है। आईएनएस जटायु को कमीशन (जलावतरण) करने के बाद मिनिकॉय में नौसेना प्रमुख ने कहा, इस पोत का नामकरण महाकाव्य रामायण से प्रेरित है। उन्होंने बताया कि पौराणिक कथाओं के मुताबिक जटायु ने माता सीता के अपहरण को रोकने की कोशिश की थी।



आईएनएस जटायु के नाम के पीछे 'स्वयं से पहले सेवा' का उदाहरण
एडमिरल आर हरिकुमार ने कहा कि जटायु पहले शख्स थे, जिन्होंने माता सीता के अपहरण को रोकने के लिए प्रतिक्रिया दी। खुद की जान खतरे में डालकर स्वयं से पहले सेवा का उदाहरण दिया। इस आधार पर नौसेना के पोत- आईएनएस जटायु का नाम सुरक्षा निगरानी और निस्वार्थ सेवा की भावना से बेहद उपयुक्त है।


अब राष्ट्रीय हितों की और प्रभावी तरीके से रक्षा होगी
नौसेना प्रमुख ने कहा कि आईएनएस जटायु पूरे क्षेत्र में समुद्री डोमेन के बारे में अच्छी जागरूकता बनाए रखने में मददगार साबित होगी। भारतीय नौसेना को इससे स्थितिजन्य जागरूकता और सूचना मिलेगी। अंडमान में पूर्व में आईएनएस बाज़ और अब पश्चिम में आईएनएस जटायु नौसेन की आंख और कान के रूप में काम करेंगे। नौसेना हमारे राष्ट्रीय हितों की और प्रभावी तरीके से रक्षा कर सकेगी।


जब संकट के समय भारत ने चलाए ड्रोन, मिसाइल विरोधी और समुद्री डकैती विरोधी अभियान
उन्होंने कहा कि मौजूदा भू-राजनीतिक घटनाक्रम के बीच नौसेना ने तत्काल निगरानी बढ़ाने की जरूरत को समझा। इससे भारत के लिए लक्षद्वीप का रणनीतिक महत्व भी पता चलता है। नौसेना प्रमुख ने अदन की खाड़ी और लाल सागर में ड्रोन हमलों का मुंहतोड़ जवाब देने के बारे में भी बात की। हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री आतंक, अपराध और समुद्री डकैती में वृद्धि का जिक्र कर ए़डमिरल आर हरि कुमार ने व्यापारी यातायात की सुरक्षा में भारत की भूमिका पर भी बात की। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना ने पश्चिम और उत्तर अरब सागर में मुखरता से जवाब दिया है। ड्रोन विरोधी, मिसाइल विरोधी और समुद्री डकैती विरोधी अभियान चलाए गए हैं।


Source: Amarujala

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